कवर्धा। राज्य में बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य, सुपोषण और कुपोषण उन्मूलन के उद्देश्य से 8 से 22 अप्रैल 2025 तक पोषण पखवाड़ा का व्यापक रूप से आ...
कवर्धा। राज्य में बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य, सुपोषण और कुपोषण उन्मूलन के उद्देश्य से 8 से 22 अप्रैल 2025 तक पोषण पखवाड़ा का व्यापक रूप से आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार कलेक्टर गोपाल वर्मा ने सभी विभाग प्रमुखों को महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ समन्वय करते हुए इस अभियान को सफल बनाने के लिए सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा गया है।
पोषण पखवाड़ा की शुरुआत 8 अप्रैल को साइकिल और बाइक रैली तथा पोषण रथ के माध्यम से की गई, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को कुपोषण से मुक्ति की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर जनसमुदाय की भागीदारी से विभिन्न तिथियों पर खास गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान जीवन के पहले 1000 सुनहरे दिनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिसमें गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को पोषण, स्तनपान और पूरक आहार की जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से माताओं की स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था भी की गई है।
पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत बच्चों में कुपोषण प्रबंधन, मोटापे की रोकथाम, संतुलित आहार की महत्ता, जंक फूड के दुष्प्रभाव और स्वच्छता के महत्व पर भी जागरूकता फैलाई जा रही है। ‘हमर स्वस्थ लईका‘ अभियान के तहत आंगनबाड़ी के बच्चों की पोषण स्थिति का आकलन किया जा रहा है। इसके अलावा, किशोरी बालिकाओं और माताओं में एनीमिया जागरूकता अभियान के अंतर्गत हीमोग्लोबिन जांच की जा रही है और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्लास्टिक उपयोग में कटौती का संदेश भी दिया जा रहा है। सभी गतिविधियों को ‘जन आंदोलन डैशबोर्ड‘ पर दर्ज किया जा रहा है, ताकि प्रयासों की मॉनिटरिंग और मूल्यांकन संभव हो सके। पोषण पखवाड़ा राज्य के नागरिकों को सुपोषित और स्वस्थ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बनकर सामने आ रहा है, जिसमें जनभागीदारी और विभागीय समन्वय की विशेष भूमिका है।
पखवाड़े के तहत जिले व ब्लॉक स्तर पर संतुलित आहार, एनीमिया की रोकथाम, गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण, शिशु एवं किशोरियों के स्वास्थ्य जैसे अहम विषयों पर समुदाय को जागरूक किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य न केवल जानकारी प्रदान करना है, बल्कि व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाकर कुपोषण को स्थायी रूप से समाप्त करना है। कार्यक्रमों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, क्षेत्रीय स्वास्थ्य अधिकारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। आगामी दिनों में पोषण रैली, जनसंवाद, पोषण आधारित खेल-कूद व जागरूकता शिविर जैसे आयोजनों के माध्यम से पूरे जिले में पखवाड़ा निर्धारित कार्यक्रम के तहत मनाया जाएगा।जिले के कलेक्टर ने इस अभियान के सफल आयोजन हेतु जिला स्तरीय अधिकारियों की अभिसर बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
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