नई दिल्ली। सोलह डिब्बे वाली पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट को अब वाणिज्यिक परिचालन के लिए रिसर्च डिजाइन्स एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीए...
नई दिल्ली। सोलह डिब्बे वाली पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट को अब वाणिज्यिक परिचालन के लिए रिसर्च डिजाइन्स एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) के प्रमाणीकरण और आयुक्त, रेलवे सुरक्षा की मंजूरी की आवश्यकता है। रेलवे बोर्ड ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। इसने बताया कि ट्रेन ने 15 जनवरी को लंबी दूरी का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था। बोर्ड ने एक बयान में कहा, “भारत की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के परिचालन से पहले आरडीएसओ परीक्षण के विश्लेषण के बाद अंतिम प्रमाण पत्र जारी करेगा।” इसमें कहा गया है, रेलवे सुरक्षा आयुक्त ट्रेन का उसकी अधिकतम गति पर मूल्यांकन करेंगे।
बोर्ड के अनुसार, विश्वस्तरीय, हाई-स्पीड स्लीपर ट्रेन का सपना अब वास्तविकता बन गया है, क्योंकि 16-डिब्बे वाली पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट ने 15 जनवरी को मुंबई-अहमदाबाद खंड में 540 किलोमीटर की दूरी के लिए आरडीएसओ द्वारा परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। बयान में कहा गया, “एकीकृत कोच फैक्ट्री (चेन्नई) ने 17 दिसंबर 2024 को भारत के पहले वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट का निर्माण पूरा कर लिया।
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