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एचआईवी की रोकथाम के लिए किया जा रहा प्रचार-प्रसार

बलौदाबाजार। प्रतिवर्ष विश्व 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर आगामी कुछ दिनों तक समुदाय में एचआईवी-...


बलौदाबाजार। प्रतिवर्ष विश्व 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर आगामी कुछ दिनों तक समुदाय में एचआईवी-एड्स के संबंध में जानकारी तथा उससे बचाव के उपायों का प्रचार-प्रसार स्कूल कॉलेज में परिचर्चा,स्टाफ मीटिंग, रंगोली,पोस्टर तथा वाद-विवाद प्रतियोगिता इत्यादि के माध्यम से जिले भर में किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार अवस्थी के अनुसार एचआईवी अर्थात ह्यूमन इम्युनो वायरस का संक्रमण असुरक्षित यौन संबंध, दूषित रक्त का उपयोग,संक्रमित सुई सिरिंज के प्रयोग तथा संक्रमित गर्भवती माता से होने वाले बच्चे को हो सकता है। अगर इन चार कारणों को लेकर सावधानी बरती जाए तो इसके संक्रमण से बचा जा सकता है ।  इसके ज्यादातर शिकार 15 से 24 आयु वर्ग का युवा होता है । वास्तव में एच आई वी संक्रमण से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिससे व्यक्ति को अन्य दूसरे रोगों के संक्रमण हो जाते हैं और उसकी जान चली जाती है क्योंकि एचआईवी का अभी तक कोई इलाज नहीं ढूंढा जा सका है अतः जानकारी और सावधानी ही इसका बचाव है । संक्रमित माता से हुए शिशु को जन्म के 72 घण्टे के भीतर दवाई देकर उसे भी इसके खतरे से बचाया जा सकता है। एचआईवी संक्रमण का कोई निश्चित लक्षण नहीं है। फिर भी बार बार बुखार,लंबे समय तक दस्त बने रहना,खाज-खुजली ,थकान ,बिना किसी कारण वजन कम होना ,ग्रंथियों में सूजन ये कुछ लक्षण हैं जिससे सावधान होकर जाँच करवा लेनी चाहिए। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को कई केसों में देखा गया है कि टीबी का भी संक्रमण हो जाता है।।जिले में एचआईवी की जांच एकीकृत जाँच एवं परामर्श केंद्र (आई सी टी सी) में नि:शुल्क उपलब्ध है । जिला अस्पताल सहित सभी भाटापारा ,सिमगा, कसडोल और पलारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आई सी टी सी की सुविधा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त आयुष्मान आरोग्य केंद्रों पर हर गर्भवती महिला की यह जाँच होती है। कई स्तरों की रक्त जाँच के पश्चात एच आई वी संक्रमण की स्थिति में मरीज को ए आर टी (एंटी रिट्रो वायरल थेरिपी) दी जाती है जिसके लिए उसे ए आर टी केंद्र भेजा जाता हैं। जहाँ कुछ माह दवाई खा वायरल लोड स्थिर होने पर उसकी दवाई जिला से भी दी जाती है । दवाई का नियमित रूप से सेवन करके, अच्छा भोजन करके, दिनचर्या एवं आहार संतुलित रखकर व्यक्ति एचआईवी के बाद भी लंबा जीवन जी सकता है। जिले में वर्तमान में 861 जीवित एचआई वी संक्रमित व्यक्ति हैं जो उपचार ले रहे हैं।सरकार की नीति के अनुरूप वर्तमान में जिले में एच आई वी संक्रमित व्यक्ति को सिंगल विंडो योजना का लाभ भी दिया जा रहा है जिसमें अंत्योदय राशन कार्ड निशुल्क बस पास विधवा पेंशन नोनी सुरक्षा जैसी शासन की योजनाएं हैं। देश में एचआईवी और एड्स (रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 2017 लागू है जिसके तहत एचआईवी और एड्स से जुड़े लोगों के अधिकारों की रक्षा और प्रचार करने के लिए कानून बनाया गया है । यह कानून मुख्य रूप से एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों के मानवाधिकारों की रक्षा, भेदभाव से बचाव तथा गोपनीयता का अधिकार प्रदान करता है।


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