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कोरबा में मलेरिया के मामले घटे लेकिन बढ़ गए डेंगू बुखार के मरीज

कोरबा। सामान्य मलेरिया की तुलना में डेंगू बुखार के मरीजों के बढ़ते ग्राफ ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। बीते वर्ष जुलाई से अक्टूबर मा...


कोरबा। सामान्य मलेरिया की तुलना में डेंगू बुखार के मरीजों के बढ़ते ग्राफ ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। बीते वर्ष जुलाई से अक्टूबर माह के बीच सामान्य मलेरिया के 282 मरीज चिन्हित किए गए थे, जो इस वर्ष 213 है। वहीं डेंगू के मामले पर गौर किया जाए तो बीते वर्ष केवल पांच पाजिटिव मरीज मिले थे। इसकी संख्या इस वर्ष 250 पहुुंच गई है। अनुमान लगाया जा रहा था कि वर्षा थमने के बाद मरीजों की संख्या शून्य हो जाएगी, पर ऐसा नहीं हुआ। जिले में अभी भी डेंगू 12 मरीज पीड़ित हैं। जिनका इलाज स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में चल रहा।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार डेंगू बुखार एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से होती है। ये मच्छर संक्रमित व्यक्ति के खून पीने के बाद संक्रामक हो जाते हैं। अन्य लोगों को काटकर दूसरे व्यक्ति को भी बीमारी फैलाते हैंं। वर्तमान सक्रिय मरीजों में आठ शहरी व चार ग्रामीण क्षेत्र के हैं। बालको, मुड़ापार के अलाव मानिकपुर, पोड़ीबहार क्षेत्र में डेंगू मलेरिया के मरीज पाए गए हैं। मरीजों को लगातार आ रही बुखार के चलते रैपिट टैस्ट कर दवाएं दी गई थी। इसके बाद भी बीमारी नियंत्रण में नहीं होने की वजह से एलाइजा टेस्ट किया गया। रिपोर्ट में डेंगू का प्रकोप पाया गया हैं। चिन्हित मरीजों में तीन को सरकारी व निजी अस्पताल में दाखिल किया गया है। आठ मरीजों को होमआइसोलेट कर घर पर ही उपचार किया जा रहा है। मानसून समापन के बाद भी शहर में स्वच्छता के अभाव में जगह-जगह नाली में पानी भरे हुए हैं। निकासी की सुविधा बदहाल होने के कारण नाली जाम हो रहा है। बैक्टिरिया नाशक दवाओं का छिड़काव नहीं होने की वजह स्थिति चिंताजन बनी हुई है। मितनानिन और मलेरिया वर्कर में माध्यम से स्वास्थ्य विभाग की ओर से घर-घर जाकर बुखार के मरीजों की तालाश की जा रही है। अब तक किए गए रैपिट टैस्ट में लेेमरू देवपहरी क्षेत्र में मलेरिया के मरीज अधिक पाए गए हैं।

जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जनवरी से अब तक 12,988 लोगों का रैपिट टैस्ट किया जा चुका है। मलेरिया के लक्षण वाले मरीजों को दवाएं दी जा रही। स्वास्थ्य शिविर, जागरूकता कार्यक्रम के दावे के बावजूद भी मरीजों की संख्या में बीते वर्ष की तुलना में वृद्धि हुई है। वास्तविकता तो यह है बीमारी फैलने के बाद ही विभाग की ओर से शिविर लगाया जाता है।

स्वच्छता की कमी और बदलते मौसम के कारण बीमारी असर थमने का नाम नहीं ले रहा। जिला मेडिकल कालेज अस्पताल में प्रतिदिन बुखार और सिर दर्द के औसतन 20 मरीज पहुंच रहे हैं। स्वच्छ पेयजल के अभाव ग्रामीण व शहर श्रमिक बस्ती के लोगाें में बीमारी का असर अधिक देखने को मिल रहा है। शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीणों को समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से स्वस्थ्य होने में समय लग रहा है।

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