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शहर में भारत बंद का मिलाजुला असर, दुकानें दोपहर बाद खुलीं

रायपुर। सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी आरक्षण वर्गीकरण के आदेश के विरोध में भारत बंद का शहर में मिलाजुला असर दिखा। छत्तीसगढ़िया सर्व समाज महासं...

रायपुर। सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी आरक्षण वर्गीकरण के आदेश के विरोध में भारत बंद का शहर में मिलाजुला असर दिखा। छत्तीसगढ़िया सर्व समाज महासंघ ने बुधवार को बंद का आह्वान किया था। सुबह में ज्यादातर दुकानें बंद रहीं लेकिन दोपहर बाद खुल गईं। दुकानें बंद कराने निकले समाज के लोगों के साथ कुछ जगहों पर विवाद भी हुआ।


हालांकि सोशल मीडिया में भारत बंद की खबरें वायरल होने की वजह से बाजारों में लोग कम पहुंचे। आमतौर पर जयस्तंभ चौक के चारों ओर जिन सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती है, वे सड़कें खाली रहीं। कम संख्या में लोग बाजारों में खरीदारी के लिए पहुंचे। सुबह में स्कूली बसें और ऑटो नहीं चले। इसलिए अधिकतर स्कूल बंद रहे।


प्राइवेट स्कूल भले ही बंद रहे, लेकिन अधिकतर शासकीय स्कूल खुले रहे। हालांकि इन स्कूलों में भी छात्रों की संख्या कम रही। इस वजह से कई जगह जल्दी छुट्टी कर दी गई। बता दें कि इस बंद को छत्तीसगढ़ चैंबर ने अपना समर्थन नहीं दिया था।


भारत बंद के दौरान महासंघ के कार्यकर्ता नगर घड़ी चौक के पास पहुंचे। वहां आरडीए के कांप्लेक्स में स्थित दुकानों को बंद कराने की कोशिश की गई। इस वजह से दुकानदारों और कार्यकर्ताओं में बहस भी हुई। विवाद न बढ़े इसलिए पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। इसके बाद कार्यकर्ता वहां से वापस लौट गए। इसी तरह का नजारा पंडरी, हलवाई लेन, सदरबाजार और मालवीय रोड में भी दिखा। इन प्रमुख बाजारों में दुकानदारों ने बंद का समर्थन नहीं किया और दुकानें खुली रखीं।

थोक सब्जी बाजार में सुबह से कारोबार हुआ

थोक सब्जी बाजार और डूमरतराई को बंद कराने के लिए सुबह कार्यकर्ता पहुंचे। उस समय गाड़ियां अनलोड हो रही थीं। लेकिन किसी ने भी काम बंद नहीं किया। दूसरे शहरों से आने वाली गाड़ियां सुबह से थोक सब्जी बाजार पहुंच गई थीं। रोज की तरह ही सब्जियों की बिक्री होती रही। इसी तरह डूमरतराई थोक बाजार में भी आम दिनों की तरह ही कारोबार होता रहा। सभी कारोबारियों ने अपनी दुकानें और गोदाम खुले रखे।

बंद का असर निजी और सरकारी दफ्तरों में भी दिखाई नहीं दिया। सभी सरकारी दफ्तरों में रोजाना की तरह ही कामकाज होता रहा। दफ्तरों में सरकारी कर्मचारी भी समय पर पहुंचे। कचहरी और तहसीलों में मामलों की सुनवाई होती रही। इसके अलावा बैंक भी खुले रहे। सुबह से शाम तक बैंकों में काम होता रहा। निजी दफ्तरों में लोगों के काम होते रहे। बंद का असर शॉपिंग मॉल और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान में भी दिखाई नहीं दिया।


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