रायपुर। यूजी फर्स्ट ईयर की परीक्षा के बाद मूल्यांकनकर्ता ने जो नंबर दिए छात्रों को उससे ही संतुष्ट होना होगा। वे कापियों का दोबारा मूल्यांकन...
रायपुर। यूजी फर्स्ट ईयर की परीक्षा के बाद मूल्यांकनकर्ता ने जो नंबर दिए छात्रों को उससे ही संतुष्ट होना होगा। वे कापियों का दोबारा मूल्यांकन नहीं करा पाएंगे। दरअसल, फर्स्ट ईयर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू हुई है। इसमें रीवैल का प्रावधान नहीं है। नई व्यवस्था इसी सत्र से लागू होगी। यूजी सेकंड व थर्ड ईयर में अभी एनईपी लागू नहीं है। इसलिए इन कक्षाओं की कापियों का पुनर्मूल्यांकन हो सकेगा।
उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े प्रदेश में करीब साढ़े छह सौ कॉलेज हैं। इनमें बीए, बीएससी, होमसाइंस, बीकॉम, बीसीए व बीबीए फर्स्ट ईयर की पढ़ाई एनईपी के अनुसार है। पिछले दिनों इनमें प्रवेश की प्रक्रिया समाप्त हुई है। कक्षाएं शुरू हो गई हैं। एनईपी के तहत जो बड़े बदलाव हुए हैं उसके अनुसार एनुअल की जगह फर्स्ट ईयर की पढ़ाई सेमेस्टर पैटर्न से हो रही है।
यानी कोर्स को छह महीने में बांटा गया है। इसके अनुसार छह माह के भीतर परीक्षाएं भी होंगी। शिक्षा सत्र 2024-25 के अनुसार फर्स्ट ईयर में प्रवेश लेने वाले छात्रों की पहले सेमेस्टर की परीक्षा नवंबर-दिसंबर में होगी। इसमें पुनर्मूल्यांकन नहीं होगा। जानकारों का कहना है कि पुनर्मूल्यांकन की सुविधा नहीं मिलने से छात्रों को नुकसान हो सकता है। क्योंकि, अक्सर यह देखा गया है कि वार्षिक परीक्षा में फेल व पूरक वाले छात्र रीवैल के बाद पास हो गए। इस बार भी रविवि की वार्षिक परीक्षा के तहत बीए, बीकॉम, बीएससी समेत अन्य में कई छात्रों का रिजल्ट रीवैल के बाद बदला। वे फेल से पास हुए। कई के नंबर भी बढ़े।
प्राइवेट छात्रों के लिए भी रजिस्ट्रेशन जरूरी
बीए, बीकॉम, बीएससी समेत अन्य यूजी फर्स्ट ईयर की परीक्षा प्राइवेट (स्वाध्यायी) छात्र के रूप में देने के लिए छात्रों को अब रजिस्ट्रेशन करना होगा। उन्हें अपने आवेदन में यह बताना होगा कि वे किसी कॉलेज से प्राइवेट परीक्षार्थी के रूप में फर्स्ट ईयर की परीक्षा देंगे। इसी तरह इन्हें भी रेगुलर स्टूडेंट्स की तरह हर छह-छह महीने में परीक्षा देनी होगी। कॉलेजों में इंटर्नल एग्जाम भी देना होगा।
रजिस्ट्रेशन की फीस कितनी होगी, कब से प्रक्रिया शुरू होगी। इसे लेकर उच्च शिक्षा से जल्द निर्देश जारी होंगे। गौरतलब है कि प्रदेश के राजकीय विवि की वार्षिक परीक्षा में हर साल बड़ी संख्या में छात्र प्राइवेट परीक्षार्थी के रूप में शामिल होते हैं। पहले फर्स्ट ईयर में एनुअल पैटर्न था। तब वार्षिक परीक्षा के लिए जब आवेदन की प्रक्रिया शुरू होती थी तब छात्र आवेदन करते थे।
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