रायपुर।नगर में पहली बार ऐतिहासिक सामूहिक शताधिक सिद्धि तप जारी है। 44 दिन के कठिन सिद्धि तप का रविवार को 22वां दिन था। 9 सितंबर को सिद्धि तप...
रायपुर।नगर में पहली बार ऐतिहासिक सामूहिक शताधिक सिद्धि तप जारी है। 44 दिन के कठिन सिद्धि तप का रविवार को 22वां दिन था। 9 सितंबर को सिद्धि तप के 44 दिन पूर्ण होने पर भव्य सामुहिक पारणा होगा एवं 10 सितंबर को सिद्धि तप विजय यात्रा निकाली जाएगी। 111 तपस्वियों ने सिद्धि तप का शतक लगाया है। तपस्वियों का सम्मान और चढ़ावे का लाभ लेने रविवार को पारणोत्सव के चढावों का आदेश उत्सव मनाया गया।
सर्वप्रथम जाजम बिछाने का लाभ लाभार्थी परिवार को प्राप्त हुआ। परम पूज्य मुनिश्री जयपाल विजयजी म.सा., मुनिश्री प्रियदर्शी विजयजी म.सा.,मुनिश्री तीर्थप्रेम विजयजी म.सा.,साध्वी श्री रत्ननिधिश्रीजी म.सा., साध्वी श्री रिद्धिनिधिश्रीजी म.सा. के पावन निश्रा में लाभार्थी के द्वारा जाजम बिछाया गया। इसके बाद जाजम पर लाभार्थी परिवार एवं समाज के प्रबुद्धजनों ने बैठकर सिद्धि तप के विभिन्न चढावों का लाभ लिया।
विवेकानंद नगर स्थित श्री संभवनाथ जैन मंदिर में आत्मोल्लास चातुर्मास 2024 जारी है। रविवार को ओजस्वी प्रवचकार मुनिश्री तीर्थप्रेम विजयजी म.सा. ने एक सेठानी और बुजुर्ग महिला के प्रसंग से श्रावक-श्राविकाओं को धर्म के प्रति समर्पण की प्रेरणा दी। मुनिश्री ने बताया कि कैसे एक बुजुर्ग महिला ने सेठानी से आगे बढ़कर अपना सर्वस्व न्यौछावर कर परमात्मा की आरती करने का लाभ लिया था। ऐसे ही सभी के अंदर परमात्मा के चरणों व धर्म के प्रति समर्पण का भाव होना चाहिए। अर्पण और समर्पण सुनने में एक जैसे लगते हैं। अर्पण का अर्थ होता है अपने लिए पूरा रखकर थोड़ा सा देना और समर्पण का मतलब होता है कुछ भी ना रखते हुए सब कुछ दे देना। ऐसे ही आज सभी के समक्ष समर्पण का अवसर है। सिद्धि तप के तपस्वियों के बहुमान का लाभ लेने का अवसर है, आपके अंदर समर्पण का भाव होना चाहिए। अपने मन का अर्पण और तन का समर्पण परमात्मा के चरणों में करना ही सिद्धि तप है। आज तप धर्म की अनुमोदना का दिन है। त्याग धर्म और अनासक्ति की अनुमोदना का दिन है। आज आधा सिद्धि तप हो चुका है, 44 दिन में 22 दिन बीत गए हैं। सिद्धि तप वालों को जो 44 दिन पुण्य कमाने में लगेंगे,उतना आज आप उनके सम्मान के लिए चढ़ावों का लाभ हासिल कर 44 मिनट में पुण्य लाभ लेकर धर्म की अनुमोदना कर सकते हो।
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