बीजापुर। बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ अभियान अर्न्तगत जल शक्ति से नारी शक्ति जल संरक्षण एवं एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत जिले के समस्त आंगनबाड़ियो...
बीजापुर। बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ अभियान अर्न्तगत जल शक्ति से नारी शक्ति जल संरक्षण एवं एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत जिले के समस्त आंगनबाड़ियों में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कलेक्टर अनुराग पाण्डेय ने मांझीगुड़ा आंगनबाड़ी में केला का पौधा लगाया एवं उनके देखभाल के निर्देश दिए। इस अवसर पर डीपीओ लुपेन्द्र महिनाग सहित अन्य अधिकारियों ने भी पौधरोपण किया।
कलेक्टर ने बेटियों की शिक्षा एवं समानता सहित जल संरक्षण के साथ पौधों की सुरक्षा का शपथ दिलाया। कार्यक्रम में स्थानीय महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कलेक्टर ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि नारी शक्ति देश और समाज का आधार है। महिलाओं की परिवार और समाज में सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है, इसलिए मातृ शक्ति को महेशा मजबूत स्वस्थ होना एवं आर्थिक, शारिरिक और मानसिक रूप से सशक्त होना जरूरी है। छत्तीसगढ़ सरकार और केन्द्र सरकार के महत्वाकांक्षी योजना महिलाओं के स्वालंबन में सहायक सिद्ध हो रही है। कलेक्टर ने महतारी वंदन योजना सहित सभी महत्वाकांक्षी योजनाओं का शतप्रतिशत लाभ लेने के लिए प्रेरित किया।
मांझीगुड़ा में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र के व्यवस्थाओं को प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां एक भी कुपोषित बच्चा नहीं है यह बहुत ही खुशी की बात है। विभाग द्वारा योजनाओं के सही ढंग से क्रियान्वयन से कुपोषण अब सुपोषण की ओर अग्रसर हो रहा है, किंतु बीजापुर जिला सामान्य जिलों के विपरीत यहां की चुनौतियां भारी है। यहां कुपोषण खून की कमी, एनीमिया जैसे गंभीर समस्या से महिलाएं पीड़ित है। इसका सबसे बड़ा जिम्मेदार राष्ट्र विरोधी माओवादी तत्वों द्वारा महिला, बच्चों, नवजात शिशुओं गर्भवती माताओं तक योजनाओं को पहुंचने नही देना है। एक गर्भवती माता को गर्भावस्था के दौरान सभी प्रकार के जांच, टीकाकरण, नहीं होने एवं अस्पताल में संस्थागत प्रसव नहीं होने के कारण स्वस्थ बच्चा को जन्म देना मुश्किल होता है। बच्चे के जन्म के पश्चात नवजात शिशुओं का टीकाकरण भी नहीं होने से शुशि मृत्यु के प्रकरण भी देखने को मिलता है। स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रखकर माओवादियों द्वारा नवजात शिशु, गर्भवती माता एवं बच्चों के जिंदगी के साथ भी खिलवाड़ किया जाता है। इस तरह यह समाज विरोधी, राष्ट्र विरोधी प्रतिबंधात्मक तत्वों के कारण जिले के विकास अवरूद्ध हो गया था।
किन्तु अब केन्द्र और राज्य शासन की योजना एवं माओवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से उनका अस्तित्व समाप्त होने की ओर अग्रसर है जिससे माताओं, बच्चों सहित अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों में खुशी की लहर और उम्मीद की किरण नजर आने लगी है। उनके द्वारा ध्वस्त किए आंगनबाड़ी, स्कूल फिर खुलने लगे हैं, जिससे बच्चों का सुखद भविष्य संवरने लगा है।
इस दौरान बाल संरक्षण अधिकारी राहूल कौशिक, जिला समन्वयक विक्रम शिला एजुकेशन रिसोर्स, सोसायटी यूनिसेफ जगत मल्होत्रा, जिला समन्वयक बाल संरक्षण किशोर सशक्तिकरा लेखिका साहू, जिला समन्वयक मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम अशोक पाण्डेय, परियोजना अधिकारी कल्पना रथ सहित सेक्टर सुपरवाईजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं मांझीगुड़ा सेक्टर के महिलाएं उपस्थित थी।
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