बालोद । महावीर भवन में चल रहे 5 दिवसीय शिविर में संत ऋषभ सागर ने कहा कि व्यापार के क्षेत्र में तो हम प्लानिंग करते हैं किंतु परिवार के क्ष...
बालोद । महावीर भवन में चल रहे 5 दिवसीय शिविर में संत ऋषभ सागर ने कहा कि व्यापार के क्षेत्र में तो हम प्लानिंग करते हैं किंतु परिवार के क्षेत्र में प्लानिंग नही होती। उन्होंने बच्चों की परवरिश एवम संस्कार को लेकर अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा कि अति सर्वत्र वर्जते। बच्चों को आत्म निर्भर बनाने उन्हें सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। बच्चों को क्या सुविधा देना कब देना, और कितना देना ये ध्यान रखने की चीजें है। अति सुविधाएं व्यक्ति को पंगु बना देता है, विपरीत परिस्थितियों को झेल नही पाता, सुविधाएं कम होने पर क्रोध एवम अशान्ति आने लगती है।
बच्चों को मजबूत बनाना या मजबूर बनाना है यह निर्णय हमे ही लेना होगा। उन्होंने कहा कि पुराने समय मे 25 वर्ष की उम्र तक ब्रह्मचर्य आश्रम में रखा जाता था जहां सीमित साधनों में रखकर प्रतिभा को उभारने का कार्य किया जाता था। अब परिस्थितियां एकदम विपरीत हो गई है बच्चों को बचपन से सुविधाओं का आदि बनाया जा रहा है जब ये सुविधायें नही मिल पाती तो उनमें निराशा आ जाती है।
बच्चों को साधनों से नही,विचारों से सशक्त बनाया जाना चाहिए। बचपन मे डाले गए सदविचार एवम संस्कार उन्हें गलत राहों में जाने से रोकते हैं। अतः बच्चों को समय दें,अच्छी बातों से प्रशिक्षित करे, जीवन मे अनुशासन का महत्व समझाएं।
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