दुर्ग, 20 मार्च 2024 । दुर्ग में डीमेट अकाउंट खोलकर शेयर ट्रेडिंग करने के नाम पर कुछ शातिरों ने आदर्श नगर दुर्ग निवासी एक बुजुर्ग को 1 करोड़...
दुर्ग, 20 मार्च 2024 । दुर्ग में डीमेट अकाउंट खोलकर शेयर ट्रेडिंग करने के नाम पर कुछ शातिरों ने आदर्श नगर दुर्ग निवासी एक बुजुर्ग को 1 करोड़ 31 लाख 66 हजार 999 रुपए की ठगी कर ली। आरोपियों ने पीड़ित को झांसा दिया था कि वे फायदे का 20 प्रतिशत हिस्सा लेंगे और शेयर ट्रेडिंग कर उसके 50 लाख रुपए को चार महीने में तीन करोड़ के आसपास पहुंचा देंगे। आरोपियों ने पैसे जमा कराने के बाद न तो लाभांश दिया और न ही मूल राशि लौटाई। बुजुर्ग की शिकायत पर पद्मनाभपुर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन और कूटरचना की धाराओं के तहत FIR दर्ज की है।
जानकारी के मुताबिक आदर्श नगर दुर्ग निवासी रोहित कुमार बघेल (62) को 22 दिसंबर 2023 को एक फोन आया था। फोन पर बात करने वाले व्यक्ति ने अपना नाम सिद्धार्थ सक्सेना बताया था। आरोपी सिद्धार्थ ने खुद को एआरके टेक्नालाजी कंपनी का कर्मचारी बताते हुए जानकारी दी। आरोपी ने बुजुर्ग को बताया कि उनकी कंपनी शेयर ट्रेडिंग करती है। इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित का डीमेट अकाउंट खोलकर उससे ट्रेडिंग कर अच्छा मुनाफा दिलवाने की बात कही। आरोपी ने अपनी कंपनी के हेड रिसर्चर सिंघानिया से बात कराई थी। सिंघानिया ने पीड़ित से कहा था कि उनकी कंपनी कम से कम 50 लाख रुपये के कैपिटल से शेयर ट्रेडिंग करती है। इससे कम राशि से वे काम नहीं करते। आरोपी ने ये भी दावा किया था कि यदि वो 50 लाख रुपए लगाता है तो वे उसे चार महीनों के भीतर तीन करोड़ रुपये बना देंगे। पीड़ित ने सोचने के लिए थोड़ा समय मांगा तो आरोपी उसे लगातार फोन करते रहे, जिससे दबाव में आकर तैयार हो गया।
आरोपियों ने डीमेट अकाउंट खोलने के लिए पीड़ित का आधार कार्ड, पैन कार्ड की जानकारी ली। इसके बाद उसका डीमेट अकाउंट खोले। आरोपियों ने समय पर ट्रेड न होने पर नुकसान होने का भय दिखाकर डी मेट अकाउंट का पूरा नियंत्रण अपने पास रखा। आरोपियों ने इसके बाद दिसंबर 2023 से लेकर एक मार्च 2024 के बीच अलग अलग किस्तों में कुल एक करोड़ 31 लाख 66 हजार 999 रुपये विभिन्न खातों में जमा करवाकर ठगी कर ली। पीड़ित से आरोपियों ने ये कहा था कि पूरी राशि की अंतिम किस्त जमा होने के एक सप्ताह के भीतर लाभ सहित पूरी राशि पीड़ित के खाते में आ जाएगी। पीड़ित को कोई भी रुपये नहीं मिलने पर उसने आरोपी सिद्धार्थ सक्सेना और राहुल गुप्ता से संपर्क किया। आरोपियों ने रुपए देने के बजाए पीड़ित को घुमाना शुरू कर दिया। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की, जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
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