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साइबर टेरर पर पहली बार सजा, मुंबई के मशहूर स्कूल को उड़ाने की रची थी साजिश, उम्र कैद

  मुंबई में मशहूर अमेरिकन स्कूल में विदेशियों के बच्चों को टारगेट करते हुए लोन वुल्फ हमले की साजिश रचने वाले अनीस अंसारी को उम्र कैद की सजा ...

 


मुंबई में मशहूर अमेरिकन स्कूल में विदेशियों के बच्चों को टारगेट करते हुए लोन वुल्फ हमले की साजिश रचने वाले अनीस अंसारी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. साइबर टेररिज्म के मामले में सजा की यह पहली मिसाल है.


ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है. पहली बार यह हुआ है. साइबर टेररिज्म के मामले में सजा सुनाई गई है. मुंबई के मशहूर स्कूल को बम से उड़ाने की उसने साजिश रची थी. बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स इलाके में मौजूद अमेरिकन स्कूल ऑफ बॉम्बे को बम विस्फोट से उड़ाने की साजिश रचने और जिहादी विचारों को फैलाने के लिए कुर्ला इलाके के एक 28 साल के कंप्यूटर इंजीनियर को स्पेशल कोर्ट ने दोषी करार दिया है और उसे उम्र कैद की सजा दी है. अनीस अंसारी नाम के इस कंप्यूटर इंजीनियर को साल 2014 में महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वॉड ने अरेस्ट किया था.


अरेस्ट होने के बाद से ही अंसारी जेल में है. साइबर आतंकवाद के मामले में उम्र कैद की सजा होने की यह पहली मिसाल है. अंसारी सॉफ्टवेयर इंजीनियर होने के साथ ही आईएएस आतंकी संगठन का समर्थक था.


लोन वुल्फ के माध्यम से स्कूल में हमले का प्लान, विदेशियों के बच्चे टारगेट

फेसबुक पर उमर एल्हाज के साथ की गई उसकी चैटिंग में यह साफ हुआ था कि वह एक अमेरिकी स्कूल में लोन वुल्फ के माध्यम से बम हमले की तैयारी कर रहा था. विदेशी नागरिकों के बच्चों पर हमले कर दहशत पैदा करने का प्लान था. अंसारी को यह साजिश रचने के लिए पहली बार महाराष्ट्र में साइबर आतंकवाद के तहत सजा सुनाई गई है. यह देश का पहला ऐसा केस है जिसमें साइबर आतंकवाद के तहत केस दर्ज किया गया था और उस केस में उम्र कैद की सजा सुनाई गई.


महाराष्ट्र एटीएस द्वारा दर्ज किए गए केस में बॉम्बे हाईकोर्ट के अब तक दिए गए कई फैसलों में से इस फैसले को बेहद खास माना जा रहा है. साइबर आतंकवाद मामले में पहली बार इस तरह का फैसला आया है. अनिस अंसारी पर थर्माइट बम बनाने की योजना तैयार करने का आरोप लगा था.


थर्माइट बम बनाने की योजना पर किया काम, बताया था सहयोगी को प्लान

थर्माइट बम धातु ऑक्साइड और धातु पाउडर को मिक्स करते हुए बनाया जाता है. जिस दौरान अंसारी यह साजिश रच रहा था, उस दौरान वो एल्हाज उमर के साथ संपर्क में था. साथ ही वो अवैध तरीके से ऑफिस टाइम में अंधेरी की सीप्ज में मौजूद जिस कंपनी में असोसिएट जिओग्राफिक टेक्निशियन के तौर पर काम करता था उस कंपनी के कंप्यूटर का इस्तेमाल आतंकी विचारों को फैलाने के लिए कर रहा था. उसने थर्माइट बम बनाने का पूरा तरीका जान लिया था. उसने यह जानकारी उमर अल्हाजी के साथ भी शेयर की थी.


728 पन्नों की चार्जशीट में खुली पूरी साजिश

वकील मधुकर दलवी ने न्यायालय से उम्र कैद की अपील करते हुए यह कहा था कि अगर रहम किया गया तो अंसारी अपनी साजिश को अंजाम दे सकता है. वह इतना शातिर था कि उसने उसारिम लोगान नाम से अपना एक फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया था. उसी अकाउंट से वो उमर के साथ चैट कर रहा था. अनीस के खिलाफ 728 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी, जिनमें 50 गवाह और फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी शामिल थे. इन विशेषज्ञों ने 6 कंप्यूटर, हार्डडिस्क और एक मोबाइल फोन की जांच कर पूरी रिपोर्ट पेश की है.





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