रायपुर। छत्तीसगढ़ आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को भाजपा के एक कार्यक्रम में कहा, आप छत्तीसगढ़ सरकार बदल दो नक्सलवाद चुटकियों मे...
रायपुर। छत्तीसगढ़ आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को भाजपा के एक कार्यक्रम में कहा, आप छत्तीसगढ़ सरकार बदल दो नक्सलवाद चुटकियों में खत्म हो जाएगा। अब इस बयान पर सत्ताधारी कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, अमित शाह की चुटकियों में इतना ही दम है तो सरकार बदलने का इंतजार क्यों कर रहे हैं। देश की सरकार उनके हाथ मे है खात्मा क्यों नहीं करते नक्सलवाद का। किसने रोका है उन्हें ?
सुशील आनंद शुक्ला ने रविवार को कहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान गैर जिम्मेदाराना और आपत्तिजनक है। उनका यह बयान उन जवानों का मनोबल तोड़ने वाला है, जो दिन रात घने जंगलों में अपने जान की बाजी लगा कर नक्सलियों से लोहा ले रहे हैं। शुक्ला ने कहा, यह तो दुर्भाग्यजनक है कि भारत का गृह मंत्री, देश की सबसे बड़ी आंतरिक आतंकवादी समस्या का निदान चुटकियों में कर सकता है और उसको अंजाम इसलिए नहीं दे रहा कि उसे एक राज्य में अपने दल की सरकार बनने का इंतजार है। अमित शाह के पास नक्सलवाद से निपटने का इतना कोई अचूक उपाय है। वे नक्सलवाद को चुटकियों में खत्म कर सकते हैं और उसको छिपा कर रखे हैं, उपयोग नहीं कर रहे हैं तो यह देश के साथ और केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने सत्य निष्ठा की जो शपथ ली है उसके साथ भी धोखा है।
भाजपा की सरकार होना ही अनिवार्य शर्त तो 15 साल तो यही थे
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, यदि छत्तीसगढ़ और देश मे नक्सल समस्या के समाधान के लिए भाजपा की सरकार होना अनिवार्य शर्त है तो छत्तीसगढ़ में 2003 से 2018 तक भाजपा की सरकार थी। 2014 से 2018 तक केंद्र और राज्य दोनों ही जगह भाजपा की ही सरकार थी। फिर क्यों अमित शाह ने नक्सलवाद को चुटकियों में खत्म नहीं किया। क्या अमित शाह इन वर्षों में हुई हजारों हत्याओं की जिम्मेदारी लेंगे, क्योंकि उनके पास उपाय था फिर भी उसका उपयोग नहीं किया।
सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाया, छत्तीसगढ़ में तो भाजपा के 15 साल के सरकार में नक्सलवाद 3 ब्लाकों से निकल कर 14 जिलों तक पहुच गया था। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद नक्सली घटनाओं और नक्सल संगठन के विस्तार में 80 फीसदी तक कमी आई है। यह कमी कांग्रेस की सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नक्सल समस्या के समाधान की दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण आई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्वास, विकास और सुरक्षा के अपने मूल मंत्र से नक्सल क्षेत्र के निवासियों का विश्वास जीत कर वहाँ विकास कार्य पहुंच मार्ग विकसित किया। उनमें सुरक्षा का भाव और सरकार के प्रति भरोसा पैदा किया। इसकी वजह से आज प्रदेश में नक्सलवाद बैकफुट पर है।
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