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शासन दरवाज़े पर नहीं, अब सीधे द्वार पर: छत्तीसगढ़ में सुशासन तिहार बना बदलाव की पहचान

  रायपुर, 18 अप्रैल 2025 मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में 08 अप्रैल से 31 मई तक तीन चरणों में आयोजित हो रहे 'स...

 


रायपुर, 18 अप्रैल 2025 मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में 08 अप्रैल से 31 मई तक तीन चरणों में आयोजित हो रहे 'सुशासन तिहार 2025' को प्रदेश की जनता एक संवेदनशील और परिणाममुखी पहल के रूप में देख रही है। यह आयोजन शासन को सीधे जनता से जोड़ने का माध्यम बन गया है, जहाँ समस्याओं का प्राथमिक स्तर पर निराकरण हो रहा है।

सुशासन तिहार के दौरान ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों के कार्यालयों में आवेदन पेटियां स्थापित की गई हैं, जिनमें नागरिक अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन सीधे जमा कर रहे हैं। इस प्रयास ने शासन और नागरिकों के बीच संवाद और विश्वास को एक नई दिशा दी है। कोण्डागांव की लक्ष्मीबाई विश्वकर्मा जैसे अनेक परिवारों को पहली बार योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हुआ है।

कोंडागांव जिले की एक मार्मिक कहानी में वर्षों से पॉलिथीन की छत के नीचे जीवन बिता रहे लक्ष्मीबाई के परिवार को न केवल राशन कार्ड और पेंशन योजना का लाभ मिला, बल्कि अटल आवास योजना के तहत पक्के मकान  स्वीकृति की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए लक्ष्मीबाई ने कहा कि आज हमें लग रहा है कि शासन बहुत संवेदनशीलता से हमारी मांगे पूरी करने तत्पर है।

राजनांदगांव में भी सुशासन तिहार के दौरान श्रमिकों की समस्याओं का गुणवत्तापूर्ण समाधान किया गया।भारती देवांगन को श्रमिक पंजीयन के बाद तत्काल श्रमिक कार्ड प्रदान किया गया, वहीं डुप्लीकेसी के कारण रद्द किए गए कार्डों को पुनर्जीवित कर शुन्नी बाई और टीकम सिंह सेवता को भी राहत दी गई। श्रम विभाग ने संगीता साहू के बच्चे के लिए छात्रवृत्ति आवेदन पर भी तत्परता से कार्रवाई की।

महासमुंद जिले के ग्राम जंघोरा निवासी मनोहर सिंह पटेल ने आयुष्मान कार्ड के लिए वर्षों से प्रतीक्षा की थी। सुशासन तिहार के तहत उनका आवेदन गंभीरता से लिया गया और मात्र 24 घंटे में उन्हें कार्ड प्रदाय किया गया । उन्होंने सरकार की संवेदनशीलता के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “अब हम पैसे की चिंता किए बिना इलाज करवा सकते हैं।”

तिल्दा (रायपुर) निवासी मुकेश वर्मा ने ड्राइविंग लाइसेंस हेतु आवेदन किया था। सुशासन तिहार के अंतर्गत उनका आवेदन विभाग द्वारा गंभीरता से लिया गया। औपचारिकताएँ पूर्ण करने के बाद उन्हें उनका लर्निंग लाइसेंस प्रदान किया गया। वर्मा ने सरकार की तत्परता को सराहते हुए इसे आमजन के सशक्तिकरण की दिशा में सार्थक कदम बताया।

इन सबके बीच सुशासन तिहार शासन की योजनाओं को केवल प्रचार तक सीमित नहीं रखता, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि अंतिम व्यक्ति तक उसका वास्तविक लाभ पहुँचे। यह पहल प्रशासनिक संवेदनशीलता, तकनीकी दक्षता और मानवीय दृष्टिकोण का संगम है, जो ‘सबका साथ, सबका विकास’ के विचार को धरातल पर साकार कर रही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की इस दूरदर्शी पहल ने जनसरोकार की समस्याओं के त्वरित समाधान की एक मिसाल पेश की है। विभिन्न जिलों से मिल रहे सकारात्मक फीडबैक और नागरिकों के चेहरे पर उभरी संतुष्टि इस बात का संकेत है कि छत्तीसगढ़ में सुशासन अब सिर्फ शब्द नहीं, एक सुखद अनुभव बनने की ओर अग्रसर है।


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