जगदलपुर। सफलता की राह पर चलने का पहला कदम है खुद पर विश्वास, ऐसी सोच रखने वाली ग्रामीण कृषक परिवार की गायत्री ठाकुर पिता दलपत सिंह ठाकुर निव...
जगदलपुर। सफलता की राह पर चलने का पहला कदम है खुद पर विश्वास, ऐसी सोच रखने वाली ग्रामीण कृषक परिवार की गायत्री ठाकुर पिता दलपत सिंह ठाकुर निवासी बड़ेकिलेपाल तहसील बास्तानार एमए व कम्प्यूटर की पढ़ाई पूर्ण होने के बाद गांव में ही स्वरोजगार स्थापित कर स्वयं को आत्मनिर्भर बना चुकी हैं। वहीं दो अन्य युवाओं को रोजगार दे रही हैं।
गायत्री ने बताया कि वह ग्रामीणों को कम्प्यूटर कार्य के लिए बाहर ना जाना पड़े यह सोचती थी। पढ़ाई के बाद उन्होने शासकीय नौकरी तलाशी पर उन्हें सफलता नहीं मिली, फिर जगदलपुर शहर में आकर सीएससी आईडी प्राप्त कर कम्प्यूटर का ज्ञान अर्जन किया व आयुष्मान कार्ड बनाने व कई शासकीय फार्म भरने का कार्य किया। उन्होने अपने गांव में ही च्वाईस सेंटर लगाने की सोची, ताकि स्थानीय लोगों को गांव से बाहर फार्म व अन्य कम्प्यूटर काम करवाने दूर जाना ना पड़े। लेकिन समस्या पूंजी की थी, तभी उसे शिविर के माध्यम से उद्योग विभाग की स्वरोजगार योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के बारे में जानकारी मिली। तो उसने जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र जगदलपुर आकर अपने स्वरोजगार स्थापित करने की इच्छा जाहिर की और योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया और गायत्री को मई 2022 में 02 लाख रुपए बैंक ऑफ बड़ौदा किलेपाल से ऋण राशि स्वीकृत कर वितरित की गई। उन्होनें गांव में ही च्वाईस सेंटर खोला और पूरी मेहनत एवं लगन के साथ अपने कार्य को करने लगीं। क्षेत्र के लोग उसके यहां आयुष्मान कार्ड, श्रमिक कार्ड, ड्रायविंग लाइसेंस, पेन कार्ड इत्यादि बनवाने आते हैं।
गायत्री अपने इस च्वाईस सेंटर काम के साथ बैंक सखी के तौर पर ईलाके के ग्रामीणों को बैंकिंग सेवाएं दे रही हैं और हर महीने लगभग दो से तीन लाख रुपए का लेनदेन करती हैं। अपने काम के विस्तार को देखते हुए अब वह दो अन्य युवाओं को रोजगार दिया है। गायत्री बताती हैं कि अपने इस स्वरोजगार के जरिए सभी खर्च के बाद उसे महीने में 15 से 20 हजार की रुपए की आमदनी होती है। गायत्री अब आधार पंजीयन तथा जाति-निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए भी जिला प्रशासन से आईडी प्रदान करने आवेदन कर चुकी हैं। जिससे ईलाके के लोगों को उक्त लोक सेवाएं प्रदान कर सके। गायत्री शासन की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजनांतर्गत सहायता से गांव में ही स्वरोजगार स्थापित कर काफी खुश हैं और इसके लिए सरकार को धन्यवाद देती हैं।
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